tag:blogger.com,1999:blog-8369478421387942949.post6557186292408279077..comments2023-09-24T16:54:52.626+05:30Comments on मन का कैनवस: नींद और जाग के बीच Tulika Sharmahttp://www.blogger.com/profile/17357400542674169759noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8369478421387942949.post-14414884818428323782012-12-01T20:00:02.145+05:302012-12-01T20:00:02.145+05:30बहुत खूब ! बड़ी सफलता के लिए ऐसे ही साथी चाहिए .सुन...बहुत खूब ! बड़ी सफलता के लिए ऐसे ही साथी चाहिए .सुन्दर!कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8369478421387942949.post-25681916182520677132012-12-01T12:32:01.454+05:302012-12-01T12:32:01.454+05:30चलो न...फिर देर किस बात की.मुझे चाहिए है वो रंग......चलो न...फिर देर किस बात की.मुझे चाहिए है वो रंग...वो अदम्य हौंसले वाली ताक़त .....और वो मिठास भी <br />सब का सब चाहिए .मिलेगा क्या?<br />यूँ भी तूलिका मुझे लगता है कि जब कोई आपके साथ खड़ा हो..हर सुख में हर दुःख में...तो बौनी ताक़त को भी अदम्य हौंसला मिल जाता है .कोई अपना जब थका हुआ हो तो उसे सोते देखना...ख़्वाबों की दुनिया में जाते देखना...फिर उनको साकार होते देखना ...से ज्यादा खुशगवार कुछ नहीं .Nidhihttps://www.blogger.com/profile/07970567336477182703noreply@blogger.com