tag:blogger.com,1999:blog-8369478421387942949.post7958819681177130091..comments2023-09-24T16:54:52.626+05:30Comments on मन का कैनवस: रेशमी चॉकलेटTulika Sharmahttp://www.blogger.com/profile/17357400542674169759noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-8369478421387942949.post-17800120618076102602013-03-10T20:20:03.629+05:302013-03-10T20:20:03.629+05:30वाह तुलिकाजी ...जवाब नहीं आपका .....एक बेहद ही संव...वाह तुलिकाजी ...जवाब नहीं आपका .....एक बेहद ही संवेदनहीन सच (विज्ञापन) को कितनी संवेदना के साथ प्रस्तुत किया आपने Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8369478421387942949.post-71007114627839453632013-03-09T10:08:40.510+05:302013-03-09T10:08:40.510+05:30यह पढकर कुछ ऐसा लगा तूलिका कि तुम शब्दों से रेखाएं...यह पढकर कुछ ऐसा लगा तूलिका कि तुम शब्दों से रेखाएं उकेर रही हो...और धीरे धीरे ..चित्र पूरा हो रहा है.आँखों के आगे दृश्य सजीव हो गया हो....लगने लगा कि सबसे परिचय है,मेरा .<br />और हाँ...दर्द की उंगली थाम कर अगर दो में से एक ...निराशा की सीढियां उतरेगा तो दूसरे का काम ही यही है..प्यार से,मनुहार से....डांट से...गुस्से से..किसी भी तरह उसे खींच लाये,वापस.<br />छींकने के साथ जुबां पर God Bless You का आना ....दुआ है कि ठीक रहो..स्वस्थ रहो हमेशा .<br />होंठों से ...अश्कों का खारापन पी लेना इतनी बड़ी बात नहीं है जितनी यह कि दोस्त की आँखों से आंसू बहे ही क्यूँ ..उस कारण को जानना और उसे आगे न होने देना या दूर करने का प्रयास करना .हाँ...पर इससे सहमत हूँ कि दर्द पर यह फाहे....बहुत अच्छे लगते हैं.......<br />काश...चोकलेट की तरह ...ज़िंदगी भर मिठास का वादा किया जा सकता....उसे गिफ्ट किया जा सकता तो मेरे ख्याल से हर चाहने वाला ...अपने हिस्से आसुओं का खारापन रख कर....अगले को चोकलेट की मिठास ...जीवन भर के लिए.......तोहफे में दे देता<br />सबका डिप्रेशन यूँ ही दूर हो जाए...वैसे वैज्ञानिक तथ्य है कि चोकलेट में वो तत्त्व हैं जिनसे अवसाद दूर भागता है Nidhihttps://www.blogger.com/profile/07970567336477182703noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8369478421387942949.post-88789484055296906252013-03-09T01:35:35.694+05:302013-03-09T01:35:35.694+05:30यह पढकर कुछ ऐसा लगा तूलिका कि तुम शब्दों से रेखाएं...यह पढकर कुछ ऐसा लगा तूलिका कि तुम शब्दों से रेखाएं उकेर रही हो...और धीरे धीरे ..चित्र पूरा हो रहा है.आँखों के आगे दृश्य सजीव हो गया हो....लगने लगा कि सबसे परिचय है,मेरा .<br />और हाँ...दर्द की उंगली थाम कर अगर दो में से एक ...निराशा की सीढियां उतरेगा तो दूसरे का काम ही यही है..प्यार से,मनुहार से....डांट से...गुस्से से..किसी भी तरह उसे खींच लाये,वापस.<br />छींकने के साथ जुबां पर God Bless You का आना ....दुआ है कि ठीक रहो..स्वस्थ रहो हमेशा .<br />होंठों से ...अश्कों का खारापन पी लेना इतनी बड़ी बात नहीं है जितनी यह कि दोस्त की आँखों से आंसू बहे ही क्यूँ ..उस कारण को जानना और उसे आगे न होने देना या दूर करने का प्रयास करना .हाँ...पर इससे सहमत हूँ कि दर्द पर यह फाहे....बहुत अच्छे लगते हैं.......<br />काश...चोकलेट की तरह ...ज़िंदगी भर मिठास का वादा किया जा सकता....उसे गिफ्ट किया जा सकता तो मेरे ख्याल से हर चाहने वाला ...अपने हिस्से आसुओं का खारापन रख कर....अगले को चोकलेट की मिठास ...जीवन भर के लिए.......तोहफे में दे देता<br />सबका डिप्रेशन यूँ ही दूर हो जाए...वैसे वैज्ञानिक तथ्य है कि चोकलेट में वो तत्त्व हैं जिनसे अवसाद दूर भागता है Nidhihttps://www.blogger.com/profile/07970567336477182703noreply@blogger.com