वो उदासियों के
तमाम रास्ते तय कर
खुशियों की दहलीज़ पर
चुप्पियाँ लिए बैठा था
इस बात से अनभिज्ञ
कि खिलखिलाहटों की कुंजियाँ
उसके शब्द थे ....................
तमाम रास्ते तय कर
खुशियों की दहलीज़ पर
चुप्पियाँ लिए बैठा था
इस बात से अनभिज्ञ
कि खिलखिलाहटों की कुंजियाँ
उसके शब्द थे ....................