चलो किरदार बदल लेते हैं......
कुछ दिन तुम मेरी तरह जीना
और मैं, तुम्हारी तरह मरूँगी.
तुम मेरी ज़िम्मेदारियाँ
कांधों पर उठा कर खीचना
मैं तुम्हारे रोकड़ बही से
अपने हिस्से का हिसाब माँगूंगी.
मेरे माज़ी के ज़ख़्म अपने सीने मे रख
कुछ देर तुम भी साँस लेना
और मैं....तुम्हारी तरह सब भूलकर
जीने का सलीका सीखूँगी-सिखाऊँगी.
कुछ दिन तुम मेरी तरह जीना
और मैं, तुम्हारी तरह मरूँगी.
तुम मेरी ज़िम्मेदारियाँ
कांधों पर उठा कर खीचना
मैं तुम्हारे रोकड़ बही से
अपने हिस्से का हिसाब माँगूंगी.
मेरे माज़ी के ज़ख़्म अपने सीने मे रख
कुछ देर तुम भी साँस लेना
और मैं....तुम्हारी तरह सब भूलकर
जीने का सलीका सीखूँगी-सिखाऊँगी.
sundar abhivykti..
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